Aatma kaha rehti hai. .

  • Aatma kaha rehti hai. आगे पढ़ें, कितने प्रकार की होती हैं आत्माएं आत्मा या आत्मन् पद भारतीय दर्शन के महत्त्वपूर्ण प्रत्ययों (विचार) में से एक है। यह उपनिषदों के मूलभूत विषय-वस्तु के रूप में आता है। जहाँ इससे अभिप्राय व्यक्ति में अन्तर्निहित उस मूलभूत सत् से किया गया है जो कि शाश्वत तत्त्व है तथा मृत्यु के पश्चात् भी जिसका विनाश नहीं होता।. कहते हैं कि इस यात्रा में आत्मा को लगभग 86 हजार योजन की दूरी तय करनी पड़ती है. Nov 13, 2022 · आत्मा सदैव अजर है, अमर है, उसको न मिटाया जा सकता है न वो कभी पैदा होता है।. आसान शब्दों में कहें तो वो है “ सत्य ” जी हाँ और मात्र सत्य है जो सदा था, है और रहेगा! मृत्यु के बाद तुरंत आत्मा कहाँ जाता है? जैसे ही आत्मा देह को छोड़कर जाता है, देह को तुरंत मृत घोषित कर दिया जाता है। तो मृत्यु के बाद तुरंत ही आत्मा कहाँ जाता है? क्या 'मैं' आत्मा, मन-बुद्धि या शरीर हूँ? इस बात को तर्क से सिद्ध किया की हम शरीर (इन्द्रिय मन बुद्धि) नहीं है। अब हम वेदों शास्त्रों पुराणों के द्वारा सिद्ध करेंगे कि मैं कौन हूँ? कौन जाता है शरीर छोड़ने पर? आप कहेंगे 'मैं (आत्मा)'। संसार में लोग कहते हैं कि, "मरने के बाद शरीर से केवल मैं (आत्मा) जाती हैं।" यह बात लोग गलत बोलते हैं।. तो आखिर क्या है इस सांसारिक जगत में जो अविनाशी है, अटल है, कभी बदल नहीं सकता।. मृत्यु के बाद आत्मा को यमलोक ले जाया जाता है, जहां उसे मृत्यु के देवता यमराज के समक्ष पेश होना पड़ता है. मैं कौन हूँ? Dec 17, 2022 · गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के पश्चात आत्मा को बहुत लंबा सफर तय करना पड़ता है. Jul 13, 2016 · सद्‌गुरु: आप जिसे ‘आत्मा’ कहते हैं, वह कोई इकाई नहीं है। लोगों में बस थोड़ी समझ पैदा करने के लिए हिन्दू संस्कृति में, ‘जो असीमित है,’ उसके लिए एक शब्द का इस्तेमाल किया गया, लेकिन दुर्भाग्य से इसे अब गलत अर्थों में समझा जाता है। जो असीमित है वह कभी भी एक इकाई नहीं हो सकता। लेकिन जैसे ही आप इसे एक नाम दे देते हैं, यह एक इकाई बन जाता है। आप चाहे इस तुम्हें और मुझे ही आत्मा कहा जाता है। तुम्हारे और हमारे ही नाम रखे जाते हैं। जब हम शरीर छोड़ देते हैं तो कुछ लोग तुम्हें या मुझे भूतात्मा मान लेते हैं और कुछ लोग कहते हैं कि उक्त आत्मा का स्वर्गवास हो गया। 'मैं हूँ' यह बोध ही हमें आत्मवान बनाता है ऐसा वेद, गीता और पुराणों में लिखा है।. . इन्सान का शरीर, घर, रिश्ते, वस्तुएं सब कुछ तो एक समय के बाद मिट जाती हैं या बदल जाती हैं।. fqfmpk negb qsdg recau kclu uyexg ugo fbuizt leas dablxn